राजगढ़(धार)। आचार्य भगवंत पुज्यपाद गुरुदेव श्री उमेश मुनिजी म.सा की कृपापात्र एवं बुद्ध पुत्र प्रवर्तक पूज्य श्री जिनेंद्रमुनि जी म.सा की आज्ञानुवर्ति संस्कार दानी पूज्य महासती श्री संयमप्रभा जी म.सा आदि ठाणा 7 का सोमवार को प्रातः 7 बजे के लगभग आडंबर रहित चातुर्मासिक मंगल प्रवेश स्थानक भवन चबुतरा चौक पर हुआ, महासती मंडल के प्रवेश की सुचना श्री संघ के किसी भी सदस्य को नही थी, अचानक हुए ईस मंगल प्रवेश से श्री संघ के सभी सदस्य अचम्भित हो गये, गुरु सौभाग्य प्रकाश भक्त मंडल के प्रांतीय सदस्य हेमंत एवं पिन्टु वागरेचा ने बताया की पूज्य महासती श्री संयमप्रभा जी म.सा अपने साध्वी मंडल के साथ 1 जुलाई को राजगढ की राजेन्द्र कालोनी मे पधारे थे, कालोनी मे पदार्पण के पशचात श्री संघ के सभी सदस्यो को महासती मंडल के चातुर्मास प्रवेश की उत्सुकता थी, महासती श्री संयमप्रभा जी म.सा ने कहा की गुरुदेव की आज्ञा थी की सभी साधु साध्वी अपने अपने चातुर्मास स्थल पर बिना किसी सुचना के पधार जाये, नगर मे हुए ईस आडंबर रहित प्रवेश की सकल श्री संघ के सदस्यो प्रशंसा हो रही है, श्री संघ के लोगो का कहना की सभी साधु साध्वी भगवंत को ईसी प्रकार के आडंबर रहित चातुर्मासिक प्रवेश करना चाहिए जिससे जीव हिंसा के पाप एवं व्यर्थ के खर्च से बचा जा सके।
श्री संघ के वरिष्ठ संरक्षक शैतानमल,भेरुलाल वागरेचा एवं संघ अध्यक्ष नरेन्द्र मूणत ने की बताया की श्री संघ मे चातुर्मास की सभी तैयारी पुर्ण हो गयी है, सभी सदस्य चातुर्मास प्रारंभ होने की प्रतीक्षा कर रहे, जिससे अधिक से अधिक धर्म आराधना एवं जीनवाणी श्रवण का लाभ मिल सके, श्री संघ के वर्धमान खाबिया ने बताया की स्थानकवासी श्री संघ के द्वारा 12 वर्षो की विनती के पशचात प्राप्त हुए ईस अवसर पर सकल जैन श्री संघ राजगढ के समस्त सदस्यो को ईस चातुर्मास मे अधिक से अधिक धर्म आराधना ओर प्रवचन मे पधारने का निवेदन किया गया है।