राजगढ़(धार)। अतिप्राचीन श्री आदेश्वर जी जिन मंदिर के जीणोद्धार का जो स्वप्न सजोया था गुरु नवरत्न ने आज वह साकार रूप में परिवर्तित हुआ और भगवान आदिनाथ की भव्य प्रतिमा नूतन जिनालय में गुरुभगवंतो ओर साध्वीजी भगवंतों की पावन निश्रा वैदिक मंत्रों के बीच शिखर पर ध्वजा लहरा उठी।
नवरत्न हेम कमल शत्रुंजय धाम ----- रविवार की प्रातः पूज्य गुरुभगवंतो की पावन निश्रा में पुराने बस स्टैंड स्थित नवरत्न हेम कमल शत्रुंजय धाम की पावन प्रतिष्ठा गगन भेदी जय कारो की बीच सम्पन्न हुई।पूज्य गुरुदेव नवरत्न सागर जी का स्वप्न्न आज साकार किया आपके प्रिय शिष्य आचार्यश्री विश्व रत्न सागर सूरीश्वरजी म सा ने।
नूतन जिनालय में प्रतिष्ठा ---- अति प्राचीन श्री आदेश्वर जिन मंदिर का जीणोद्धार कर नूतन जिनालय जो कि नगर में आन बान शान के रूप में मूर्त रूप लेकर परमात्मा आदिनाथ की प्रतिमा पुण्यांम पुण्यांम के स्वरों के साथ विराजित हुए।आचार्यश्री मृदुरत्न सागर सूरीश्वरजी म सा , उपाध्याय श्री वैराग्य रत्न सागर जी म सा , गनिवर्यश्री आदर्श रत्न सागर जी म सा आदि मुनि भगवंत ओर वरिष्ट साध्वी हेमेंद्र श्रीजी म सा एवं प्रतिष्ठा महोत्सव में पधारी सभी साध्वीजी भगवंतों , विधिकारक अरविंद भाई चौरड़िया इंदौर द्वारा मन्त्रो ओर भक्ति से सरोकार परमात्मा नूतन जिनालय में गाजे बाजे ओर जयकारों के बीच विराजित किये गये।अखिल भारतीय संगीतकार नरेंद्र वाणीगोता के भक्ति पर परमात्मा की प्रतिष्ठा पर भक्तगण ओर नगर वासी झूम उठे ।इस पावन अवसर पर मुनि श्री हितेश विजय जी म सा आदि ठाना भी इस पावन अवसर के साक्षी बने।
नगर चौरासी ---- अंजनशलाका प्रतिष्ठा महोत्सव के दसवें दिन 26 वी नगर चौरासी का आयोजन हुआ जिसमें हजारों नगर वासियो ने प्रसादी ग्रहण की।नगर के सर्व धर्म के महानुभावों ने अपनी सेवाये इस पुनीत कार्य मे दी।
सुरक्षा व्यवस्था ---- अंजनशलाका महोत्सव निमित सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी एस डी ओ पी रामसिंह मेडा के निर्देशन पर थाना प्रभारी ब्रजेश मालवीय के मार्गदर्शन में सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी पूरे कर्तव्य पालन के साथ पुलिस जवान निभा रहे थे।स्मरण रहे पूज्य गुरुदेव आचार्यश्री विश्व रत्न सागर सूरीश्वरजी म सा को मध्यप्रदेश सरकार द्वारा राजकीय अतिथि का दर्जा प्रदान किया है।
धन्यवाद ओर आभार ---- आयोजक श्री ऋषभदेव मोतीलाल पेढ़ि ट्रस्ट ने अंजनशलाका प्रतिष्ठा महोत्सव में सभी लाभार्थी परिवार,सेवा देने वाले ओर प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से जिन्होंने भी अपनी सेवाये दी है,उन सभी को हृदय की गहराइयों से धन्यवाद ओर आभार व्यक्त किया है।