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21 उपवास की पूर्णाहुति के अवसर पर तपस्वी का किया बहुमान,निकला वरघोड़ा



झाबुआ। गुरु समर्पण चातुर्मास समिति के अंतर्गत परम पूज्य गच्छाधिपति आचार्य देवेश श्रीमद्विजय ऋषभचंद्र सूरीश्वरजी महाराजा साहेब के शिष्य परम पूज्य मालवरत्न ओजस्वी वक्ता मुनिराज श्री रजतचन्द्र विजयजी महाराज साहेब मुनि श्री जीतचंद्र विजयजी म.सा.की निश्रा में आज गुरूवार को कु.प्रिया राजेंद्रजी राठौड़ के मात्र गर्म जल के आधार पर 21 उपवास पुर्णाहूति के अवसर पर गुरुवार को तप अनुमोदना का भव्य वरघोड़ा प्रातः09 बजे तपस्वी के निज निवासी से शुरू हुआ जिसमे मुनि द्वय भी सम्मलित हुए | बड़ी संख्या मे समाज जन भी सम्मिलित हुए | वरघोड़े मे रथ पर 21 उपवास की तपस्वी कु.प्रिया बेठी थी | वरघोड़ा बावन जिनालय मंदिर पहुंचा धर्मसभा हुई | 









  मंगलाचरण पूज्य मुनिराज श्री रजतचन्द्र विजयजी म.सा.ने श्रवण करवाया | धर्मचन्द्र मेहता ने गुरू वन्दना करवाई | इसके बाद पूज्य आचार्य श्री ऋषभचन्द्र सुरीजी की तस्वीर समक्ष दीप प्रज्जवलित और माल्यार्पण आज के कार्यक्रम के लाभार्थी राठौड़ परिवार ने किया। आज प्रवचन मे पूज्य मुनिश्री ने कहाँ की प्रभु महावीर जिन्होने अपनी देशना मे एक छोटा सा सूत्र दिया इसका मतलब वटवॄक्ष के समान हे /उन्होने कहाँ की "उठो प्रमाद न करो "| इस सूत्र की विस्तॄत चर्चा करते हुए मुनिश्री ने कहाँ की प्रभु महावीर ने इस सूत्र के माध्यम से संदेश दिया की हम मानव जीवन को व्यर्थ कर रहे हे हमे जाग्रत होकर एसा सोचना चहिए की मे आराधना करूँ , मे तप करूँ , मे पूजन करूँ , ये भाव आना चाहिए | यह न सौच कर हम कीमती समय स्वाहा कर रहे हे | आपने धर्म की गाथाओ का महत्व बताया | उन्होने कहाँ प्रतिदिन नव स्मरण करना चाहिए | तन की बीमारी का इलाज डॉक्टर कर सकता हे किंतु मन का इलाज धर्म की कई गाथाए बोलने से ठीक हो सकते हे | सुबह भक्तामर पाठ से रात्रि मे कल्याण स्त्रोत का पाठ करने से सभी समस्या ख़त्म हो जाती हे | प्रभु के नाम मे भी बहुत ताकत हे | संसार मे दोनो हाथ से मिले तो भी खुश और धर्म कार्य करने मे कठिनाई होती हे | यह जीवन स्वार्थ के लिये नही परमार्थ के लिये मिला हे | सम्पति बचाने के बजाये सम्पति से किसी के जीवन को बचाने का प्रयास करना चाहीए | आपने कु.प्रिया राठौड़ की दो प्रकार की सतत 33 दिवस की गणधर लब्धी तप और 21 दिवस की लगातार तपस्या करने की अनुमोदना की। तपस्वी प्रतिमा का बहुमान के लिये तिलक करने का लाभ 8 उपवास से प्रिया व्होरा बढ़नगर ने लिया | माला पहनाने का लाभ 5 उपवास से प्रिया नयन राठौड़ ने लिया | पूज्य मुनिद्वय द्वारा कु.प्रिया को तपस्या निमित्त मनोहारी रत्न माला भेट की |इसके पश्चात श्री संघ , चातुर्मास समिति राजेंद्र जयंत विहार धाम , और हेमेन्द्र सूरी महिला मंडल ने बहुमान किया | अभिनंदन पत्र का वांचन डा प्रदीप संघवी ने किया |अंत मे स्वधर्मी वात्सल्य का आयोजन श्री राजेंद्र राठौड़ परिवार ने लिया | गौतम स्वामीजी , गुरुदेव राजेंद्र सुरीजी , आचार्य श्री ऋषभचन्द्र सुरीजी की आरती की गयी | संचालन मनोज जैन मनोकामना न किया | 

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