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जो नवकार में डूबता है,नवकार उसे तिराता है - मुनिश्री रजतचंद्र विजयजी

 


 झाबुआ- श्री नेमिनाथ प्रभु के दीक्षा कल्याणक प्रसंग व नवकार मंत्र की आराधना प्रारंभ के अवसर पर प.पू.आचार्य देवेश श्रीमद्विजय ऋषभचंद्र सूरीश्वरजी के शिष्य प.पू.ओजस्वी प्रवचनकार मुनिराज श्री रजतचंद्र विजयजी  म.सा.के कहां नवकार मंत्राधिराज मंत्र है ,क्योंकि इसमें सारे मंत्रों का समावेश हो जाता है। नवकार के समान कोई अन्य मंत्र नहीं है। नवकार में सार भी है और पार भी है। सार से सुख मिलता है पार से दुख मिटता है। मुनिश्री ने कहा नवकार, मंत्र शिरोमणि है। पर्वतों में मेरु गिरी महान है क्योंकि प्रभु का जन्म कल्याणक वहीं पर होता है ।नदियों में गंगा महान है क्योंकि हिमालय से उद्गगम होता है व बहुत सी मूल्यवान औषधि मिश्रित जल रहता है। वैसे ही जगत में नवकार मंत्र महान व श्रेष्ठ है मुनिश्री रजतचंद्र विजयजी म.सा. ने नवकर की त्रिपदी बताते कहा कि नवकार में भक्ति है नवकार में शक्ति है और नवकार में मुक्ति है। जो आराधक भाव से व तनमयता से नवकार गिनता है उसका कल्याण निश्चित है ।जो नवकार में डूबता है नवकार उसे तिराता है । ऐसे कई महापुरुष हैं जो नवकार से भव पार हो गए। सर्प पुष्प माला बनी।  सूली सिहासन बना। ऐसे कर उदाहरण है। नवकार मंत्र की महिमा पर मुनिश्री ने विशेष प्रवचन दिया ।  श्री नेमिनाथ प्रभु का दीक्षा कल्याणक प्रसंग होने से मुनिश्री ने सभी को नेमिनाथ वंदनावली कराते हुए भक्तिभाव पूर्वक गिरनार की यात्रा करवाई। मुनिश्री ने कहा गिरनार पर प्रतिष्ठित नेमिनाथ भगवान श्री प्रतिमा संसार की सबसे प्राचीन मूर्ति है पिछली चौविसी के तीसरे तीर्थंकर श्री सागर प्रभु के समय में ब्रहमेन्द्र इंद्र ने प्रतिमा बनवाई थी । 20 कोड़ा कोड़ी सागरोपम में कुछ वर्ष कम प्राचिन यह प्रतिमा है। मुनिश्री ने गिरनार की शाश्वतता पर प्रकाश डाला व भक्ति गीत प्रस्तुत किया।  दहानू मोहनखेड़ा मिनी गुरु तीर्थधाम के सभी ट्रस्टी का मंगल मय आगमन हुआ। चातुर्मास समिति ने सभी का स्वागत किया। नथमलजी भंडारी व भारत भाई का बहुमन किया गया।  दहानू गुरुधाम ट्रस्ट मंडल की ओर से नवकार आराधक व लब्धि तप आराधक की बहुमान प्रभावना व प्रवचन मे विशेष प्रभावना की गई। नवकार की आराधना में करीब 100 आराधक जुडे हैं इसका लाभ यशवंत जी भंडारी को मिला। प्रातः में प्रभु स्थापना दीप व कलश स्थापना की गई। देववंदन जाप पूजन प्रवचन एवं एकासना किए जा रहे हैं । संचालन प्रदीप संघवी ने किया। नवकार चित्र समक्ष दीप प्रकट किया गया। नेमिनाथ कल्याणक प्रसंग पर गहूली एवं मोदक अर्पण हस्तीमल संघवी एवं तपस्वी सपना संघवी ने किया। नवकार ग्रुप में सुंदर अंग रचना की।  महिला परिषद मंडल ने अष्ट प्रकार की पूजा रचाई। विनस जैन ने सुंदर भक्ति गीत गाया ।मुनिश्री जीतचंद्र विजयजी ने गौतम इक्कीसा पाठ कराया।

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