राजगढ़(धार) म.प्र.। नगर की सजग संस्था पतंजलि योग समिति द्वारा सातवाँ अंतराष्ट्रीय योग दिवस आयोजित किया गया जिसमें योगाचार्य कमलेश सोनी ने योग के विभिन्न आयामों को सबके सामने वैज्ञानिक दृष्टिकोण तथा आध्यात्मिक दृष्टिकोण के साथ बताया । योगाचार्य सोनी ने बताया कि किस तरह योग ने कोरोना काल में एक आत्मबल दिया, जब पूरी दुनिया कोरोना के भय से तृप्त थी तब भारत देश में योग द्वारा एक अनूठी मिसाल पेश की जा रही थी और लगातार लोग घर में बैठ कर परिवार के साथ योग करके स्वयं को सकारात्मकता की ओर ले जा रहे थे साथ ही योग द्वारा ही कई बीमारियों को दूर भगा रहे थे । पतंजलि केंद्र के योगाचार्य कमलेश जी ने बताया की वह कई वर्षों से लगातार योग कर रहे है तथा नि:शुल्क योग सिखा रहे है वर्तमान में उन्होंने शुगर, ब्लड प्रेशर से लेकर कई अन्य बड़ी बीमारी ठीक की है ।
पतंजलि केंद्र के योगी नितिन धरिवाल ने बताया कि सरदारपुर तहसील में मध्यप्रदेश सरकार द्वारा मात्र 2 व्यक्तियों को ही कोरोना स्वयं सेवक के रूप में चयनित किया गया है जिन्हें दायित्व दिया गया है उन सभी कार्यों को प्रतिदिवस करने के पश्चात सार्थक ऐप पर मध्यप्रदेश सरकार को प्रेषित करना रहता है जिसमें तहसील से योगाचार्य कमलेश सोनी को कोरोना मरीज़ों को योग सिखाना तथा कलाकार राहुल व्यास को क्षेत्र की व्यवस्था के साथ-साथ वेक्सिन के प्रति जागरूकीकरण व मास्क वितरण जैसे कई अन्य कार्य सौंपे है । वर्तमान में भारत सरकार द्वारा योगाचार्य कमलेश सोनी तथा कलाकार राहुल व्यास को प्रमाणपत्र प्रदान कर भारत के योग शिक्षक के रूप में सम्मानित किया है । वहीं पतंजलि केंद्र के सहायक योग शिक्षक रितेश जैन ने उपस्थित सभी लोगों को प्रतिदिवस योग करने की शपथ दिलायी तथा आग्रह किया कि भारत को स्वस्थ बनाने के लिए आप एक व्यक्ति को योग के प्रति प्रेरित करे ।
पतंजलि योग समिति के वरिष्ठ चंचल जैन एवं बलसारा जी ने योग गुरु बाबा रामदेव के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम की शुरुआत की वहीं योगी अभय मूठरिया, सुनील छजलानी व मनीष जैन ने भारत सरकार द्वारा प्रदत्त योग शिक्षक प्रमाणपत्र तिलक लगा कर योगाचार्य कमलेश सोनी को भेंट किया ।
कार्यक्रम का संचालन अंतराष्ट्रीय कलाकार राहुल व्यास ने किया तथा बताया कि 21 जून साल का सबसे बड़ा दिन होता है इस दिन सूर्य की किरने पृथ्वी पर ज़्यादा समय तक रहती है और ऊर्जा को सकारात्मकता का रूप माना है इसलिए योग से ऊर्जा व सकारात्मकता आए इसलिए अंतराष्ट्रीय योग दिवस आज के दिन मनाया जाता है, 21 जून को ही योग दिवस मनाने के पीछे एक पौराणिक कथा का भी है जिसके अनुसार योग का पहला प्रसार आदिदेव आदियोगी भगवान शिव है उन्होंने अपने सात शिष्यों को योग की शिक्षा दी थी जो सप्त ऋषि के नाम से जाने जाते है इसे ही ग्रीष्म सक्रांति कहा जाता है तथा दक्षिणायन के नाम से भी जानते है । कार्यक्रम की उक्त जानकारी योगी अनिल सोलंकी ने प्रदान की ।