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एक पेंसिल और कागज़ से बनाया विश्वरीकोर्ड,प्रो. डॉ. दिनेश गुप्ता- आनंदश्री का नाम 2020 के लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज.....





 भारत के गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड का दर्जा प्राप्त करने वाली 30 वर्ष की लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में प्रोफेसर डॉ दिनेश गुप्ता का नाम दर्ज किया गया।
  प्रो गुप्ता का नाम उनके पिछले वर्ष 5 अप्रैल और 6 अप्रैल को लगातार 24 घन्टे पेंसिल स्केच मेरौथोंन के लिए रोकोर्ड किया गया।
 लगातार 24 घण्टे उन्होंने ए3 साइज़ के ड्राइंग पेपर पर 6B पेंसिल से अलग अलग स्केच बनाये। जिसमे मानवीय चेहरे, नेचर ड्रॉइंग, ऑब्जेक्ट पेंटिंग, फूल, वस्तुएं, मेमोरी आर्ट, एब्सट्रेक्ट आर्ट बनाते गए।

यह विश्वरीकोर्ड उन्होंने पिछले वर्ष  मुम्बई के करीब कल्याण के खडाकपाड़ा स्थित डॉ बाबा साहेब आम्बेडकर  आर्ट गैलरी में बनाया था। जंहा पर स्थानीय नगर सेवक सुनील राजाराम वायले, आर्यभट्ट एकेडमी के संचालक भूपेंद्र सिंह तथा कसौधन समाज कल्याण के मंत्री चंद्रशेखर किशोरीलाल गुप्ता के हाथों किया गया। उसके बाद दोपहर 12 बजे से उन्होंने स्केच मेरौथोन की शुरुवात की।जिस पूरे इवेंट को सी सी टीव्ही तथा उपस्थितजनो, पत्रकारों के केमेरे में भी कैद किया गया रहा। चौबीस घंटे तक लोग असाग अलग समय पर आ कर इस मैरोथोन को सभी कल्याण के प्रसिद्ध हस्तियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी। जिसमे प्रमुख - महापौर वनिता राणे, मा. ज्ञानेश्वर म्हात्रे, पूर्व आमदार प्रकाश सुखदेव भोईर तथा उनकी पत्नी, एज्युकेयर लर्निंग सिस्टम के संचालक प्रदीप यादव ( ध्रुव सर ) तथा शांतनु गुप्ता आदि उपस्थित थे।






  प्रो डॉ दिनेश गुप्ता मोटिवेटर स्पीकर, आध्यात्मिक व्याख्यता, माइंडसेट कोच, लेखक तथा गोल्ड मेडलिस्ट मेकैनिकल इंजिनीयर है।
   इस रिकॉर्ड को बनाने के लिए उनका यही मकसद था कि हर इंसान में एक सुप्त शक्तियां रहती है, जब उसे जगा देता है तो वह, हर वो कार्य कर सकता है जो उनसे ठाना था। पूरी ब्रह्मांड उसके कार्य को पूरा करने में उसकी मदद करती है। दिनश गुप्ता कोई आर्टिस्ट नही है, फिर भी इस रिकॉर्ड को बनाने के लिए इस आर्ट को सीखा। इसे उन्होंने अर्जुन माचीवले से कुछ ही समय मे सिख कर मानसिक शक्तियों का इस्तेमाल कर यह रिकॉर्ड बनाया।
दिनेश जी ने सभी का जिन्होंने भी  प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से सहकार्य किया उनका आभार माना। विशेषतः लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड को उन्होंने धन्यवाद दिया।
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