राजगढ़ (धार)। सकल पंच गवली समाज राजगढ़ की मातृशक्ति व बहनों-बेटियों ने नागपंचमी के पावन अवसर पर समाज की परंपरा अनुसार नगर में 'जवारे बाया' की अनूठी शुरुआत की। बैंड-बाजे के साथ नगर से दूर जाकर पवित्र माटी और जवारे की टोकरी शहर के चौरासी चौक लाई गई, जहां मंगल गीतों के साथ इस अनुष्ठान का शुभारंभ हुआ।
कार्यक्रम में बहनों-बेटियों ने - “1. बाया हे जावरा, छोरियां पूजे भुजरिया 2. म्हारा हरिया जवारा ओ राज 3.थाली भरकर लायी गेहूं की 4. ऊंचे मगरे को महारा हरिया जावरा 5. जवारा बाया बाई देखो सखिया, हषोइ बेटियों को मनपसंद वर मिले ऐसी कामना करेंगी” - जैसे मंगल गीत गाए। 11 दिन तक घर-घर की मातृशक्ति द्वारा सुबह-शाम जवारे की पूजा व भजन होंगे। रक्षाबंधन के अगले दिन धर्म यात्रा निकाली जाएगी, जो नगर के प्रमुख मार्गों से होती हुई माही तट, सरदारपुर पर सम्पन्न होगी। समाज की इस श्रद्धा और संस्कृति ने पूरे नगर को भक्ति और उमंग से सरोबार कर दिया।