राजगढ़(धार)। श्री मोहनखेड़ा महातीर्थ की पावन पुण्य धरा पर परम पूज्य आचार्य देवेश श्रीमद्विजय ऋषभचंद्र सूरीश्वरजी महाराज साहेब के देवलोक होने के पश्चात् उनके शिष्य परम पूज्य मालव शिरोमणि कार्यदक्ष मुनिराज श्री पीयूषचन्द्र विजयजी महाराज साहेब की निश्रा में सूरि ऋषभ इक्कीसा पुस्तक का विमोचन किया गया जिसकी रचना पूज्य मुनिराज श्री रजतचन्द्र विजयजी महाराज साहेब ने की।
इस मौके पर झाबुआ चातुर्मास समिति के अध्यक्ष सुभाष कोठारी ,राकेश मेहता ,राजेश सेठीया ,मोहनखेड़ा तीर्थ से जुड़े हुए आनंद भाई परमार,सातम ग्रुप के अशोक रमेश भरत भाई ठाणा आदि उपस्थित थे। इस पुस्तक में श्रुत सहयोगी लाभ पी.सी.जैन बांसवाड़ा वालों ने लिया।
मुनिराज श्री रजतचंद्र विजयजी महाराज साहब ने बताया गुरुदेव श्रीमद्विजय ऋषभचन्द्र सूरीश्वरजी महाराजा साहेब को उनके विभिन्न उपकार के क्षेत्र को देखते हुए श्रद्धालु अलग-अलग अलंकार से संबोधन करते थे। आज से उस अलंकार के गुलदस्ते में एक पुष्प और जुड़ने जा रहा है अब गुरुदेव श्री को परोपकार सम्राट के रूप में भी जाना जायेगा।
मुनिराज श्री पीयूषचन्द्र विजयजी महाराज साहब के मंगल प्रवेश अवसर पर झाबुआ श्री संघ एवं चातुर्मास समिति ने मंगल प्रवेश हेतु श्री आदिनाथ राजेंद्र जैन श्वेतांबर पेढी ट्रस्ट मंडल को पधारने आमंत्रण दिया।