BREAKING NEWS
latest
News
राज्य

राज्य

राज्य/block-5

आपके शहर की खबर

आपके शहर की खबर/block-3

राजनीति

राजनीति/block-6

मनोरंजन

मनोरंजन/block-6

धर्म

धर्म/block-3

"खेल"

खेल/block-3

"लेख"

लेख/block-3

ख़बरें जरा हटके

ख़बरें जरा हटके/block-10

स्टोरी

स्टोरी/block-7

Latest Articles

इनर व्हील क्लब वुमन पावर राजगढ़: मोहनखेड़ा में मूक पशुओ के लिए पानी की टंकी लगाई



  राजगढ़ (धार)। इनर व्हील क्लब वुमन पावर राजगढ़ ने इस बार की जमकर गर्मी को ध्यान में रखते हुए मोहनखेड़ा पिपरनी रोड पर हनुमान मंदिर के पास ग्रुप द्वारा सीमेंट की टंकी लगवाई है,जिससे गाय,पशु,पक्षी और अन्य मूक पशुओं की प्यास बुझाई जा सके। 

  इस अवसर पर क्लब की अध्यक्ष एकता जैन, सचिव अलका जैन, कोषाध्यक्ष रागिनी तोमर, प्रीति जैन और हबीबा बोहरा आदि सदस्य उपस्थित रहे।

दीपेश ठाकुर को भाजपा शिक्षा प्रकोष्ठ लोकसभा चुनाव हेतु धार जिला सह प्रभारी नियुक्त



 राजगढ़ (धार)। भारतीय जनता पार्टी प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद माननीय श्री विष्णु दत्त शर्मा जी एवं पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं प्रकोष्ठों के प्रभारी श्री जीतू जी जिराती की सहमति से दीपेश ठाकुर को भाजपा शिक्षा प्रकोष्ठ लोकसभा चुनाव हेतु धार जिला सह प्रभारी नियुक्त किया गया। धार जिला सहप्रभारी नियुक्त होने पर शीर्ष नेतृत्व का आभार माना एवं संगठन द्वारा दी गयी जवाबदारियों का बखूबी निर्वहन करने का संकल्प लिया। गौरतलब है की दीपेश ठाकुर पेशे से एक कंप्यूटर शिक्षक है और सन 2008 से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सक्रिय कार्यकर्त्ता रहते हुए कार्यालय मंत्री एवं नगर अध्यक्ष जैसे दायित्वो का उन्होंने बखूबी निर्वहन किया है। ठाकुर नगर में भी सामाजिक राजनीतिक एवं धार्मिक कार्यों में ऐसा सदैव अग्रसर रहे हैं उनकी इस नियुक्ति पर हर्ष का माहौल दिखा जिलाध्यक्ष मनोज सोमानी,लोकसभा चुनाव सरदारपुर विधानसभा संयोजक सुरेश जी तातेड,विधानसभा सह संयोजक दीपक फेमस,गोपाल सोनी,पूर्व विधायक वेलसिंह भूरिया,कमल यादव,नीलेश शर्मा,मुकेश कावड़िया, डॉ दिनेश सतपुड़ा,कैलाश परमार, अबुली बोहरा,अप्पी जैन,अजय चौहान,महेश शर्मा,युवा मोर्चा मंडल अध्यक्ष सोहन पटेल,मनोहर कुमावत,अजय भगवती शर्मा,संजय मेहता,चिंटू चौहान,रमेश राजपूत,पंकज बारोड़ आदि सभी पदाधिकारियो और कार्यकर्ताओ ने बधाईया प्रेषित की।

रामनवमी पर निकली भव्य धर्मयात्रा,माताजी भैरूजी का स्वांग के दर्शन को पाने उमड़ी भीड़-



  राजगढ़ (धार)। भगवान श्री राम जन्मोत्सव पर्व रामनवमी बुधवार को बड़े धूमधाम के साथ मनाई गई । हिन्दू उत्सव समिति के मार्गदर्शन में हिन्दू समाज,दत्तीगांव सोश्यल ग्रुप व सराफा एसोसिएशन के विशेष सहयोग से रात्रि में 8 बजे किले वाले हनुमान जी मन्दिर ब्राह्मण मोहल्ला से निकली। यह धर्मयात्रा नगर प्रमुख मार्गों से होती हुई तिलक मांर्ग स्थित श्री राम लोहार समाज मन्दिर पहुँची जहाँ पर धर्मयात्रा का समापन हुआ मन्दिर पर महाआरती कर प्रसादी वितरण किया गया है।

  यात्रा में बेंड बाजे,धर्म ध्वजाएं ढोल के साथ मुख्य रूप से माताजी भैरूजी का स्वांग,रामसेतु शिला (रामेश्वम) पानी मे तैरने वाली तथा राम रथ आकर्षण के केंद्र रहे ।

  यात्रा में हिन्दू उत्सव समिति अध्यक्ष नीलेश सोनी,सराफा एसोसिएशन के वरिष्ठ दिलीप फ़रबदा,एडवोकेट संजय रघुवंशी,डॉ बलबहादुर सिह राठौर,डॉक्टर आशीष वैद्य,विजय व्यास,हेमंत वागरेचा,मनोज जैन,पत्रकार अक्षय भंडारी,बबलू बारोड,समंदर राजपूत आदि सहित बडी संख्या में रामभक्त शामिल हुए।

राजगढ़ : राम नवमी पर भव्य धर्मयात्रा,विशेष आकर्षक के केंद्र रहेंगे माताजी भैरूजी स्वांग,राम सेतू शीला एवम राम रथ....



  राजगढ़ (धार)। भगवान श्री राम जन्मोत्सव पर्व श्री राम नवमी कल 17 अप्रैल बुधवार को बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाई जाएगी। हिन्दू उत्सव समिति के मार्गदर्शन में हिन्दू समाज,दत्तीगाँव सोश्यल ग्रुप व सराफा एसोसिएशन के विशेष सहयोग से विशाल धर्मयात्रा शाम को साढ़े 6 बजे निकलेगी।

  आयोजक निलेश सोनी ने बताया कि प्रतिवर्ष अनुसार इस वर्ष भी भव्य रूप से रामनवमी के उत्सव मनाया जाएगा। नगर के किले वाले हनुमान जी मन्दिर ब्राह्मण मोहल्ला से शाम 6:30 बजे प्रांरभ होकर नगर के प्रमुख मार्गों से होते हुए श्री राम मंदिर लोहार समाज तिलक मांर्ग पर महाआरती के साथ यात्रा का समापन होगा। 

यात्रा में आकर्षण के केन्द्र

  यात्रा के मुख्य आकर्षक धर्म ध्वजाएं,प्रचार रथ,लक्ष्मी विजय हिन्दू बैण्ड,रामसेतु शिला(रामेश्वरम)पानी मे तैरने वाला सेतु, राम रथ,कश्मीरी ढोल देशी ढोल,आकर्षक वेशभूषा में हनुमानजी एवम माताजी भैरूजी का स्वाँग रहेगा।यात्रा में पुरुष वर्ग एवम मातृशक्ति पारंपरिक वेशभूषा में सम्मिलित होंगे।

  यात्रा में नशा करके आना प्रतिबंधित है।यात्रा में हथियार पूर्ण रूप से प्रतिबंधित रहेंगे। हिन्दू समाज एवम हिन्दू उत्सव समिति ने अधिक से अधिक संख्या में धर्मप्रेमीजन से यात्रा में सम्मिलित होने का निवेदन किया है।

प्रसिद्ध समाज सेविका अर्चना सिंगरौल के जन्मदिन के उपलक्ष्य में KHF संगठन द्वारा सेलिब्रेट किया

 


  ग्राम बेहरखेड़ा तहसील पवई जिला पन्ना मध्य प्रदेश में Kaushalya Humanity Foundation, KHF संगठन की संस्थापक अध्यक्ष अर्चना सिंगरौल के जन्मदिन के उपलक्ष्य में ग्राम बेहरखेड़ा जाकर बच्चों के साथ उनका जन्मदिन मनाया गया

  इस कार्यक्रम का आयोजन KHF NGO की टीम द्वारा किया गया कार्यक्रम में बच्चों को नमकीन बिस्किट मिठाई आदि सामग्री बांटकर खुशियां बांटी इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से पत्रकार एवं समाज सेवी नरेंद्र सिंगरौल जी, समाज सेवी रामाशंकर सिंगरौल जी एवम ग्रामवासी शामिल रहे, KHF NGO की फाउंडर प्रेसिडेंट अर्चना सिंगरौल हमेशा असहाय, गरीब एवं जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए सक्षम लगातार प्रयासरत और अति गरीब क्षेत्र के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को शिक्षा सामग्री, कपड़े, जूता, चप्पल वितरण करने वाली, पवई विधानसभा क्षेत्र की युवा समाज सेविका अर्चना के जन्मदिन पर KHF संगठन के सदस्यों ने मनाया जन्मदिन जरूरतमंद बच्चों के साथ

भारतीय समाज में राम का अलौकिक रूप - पवन वर्मा - विभूति फीचर्स



(पवन वर्मा - विभूति फीचर्स)

   भारतीय साहित्य में तुलसी के राम लोकनायकों की उस गौरवमयी परम्परा के अद्भुत और अलौकिक रूप है जिनकी प्रेरणा में आबद्घ भारतीय जनमानस उनकी भक्ति में रसलीन हो जाता है। गोस्वामी तुलसीदास की सर्वश्रेष्ठ रचना 'रामचरित मानस’ है इसमें भारतीय जीवनधारा का सर्वांगीण चित्रण है। इसमें बाल्यावस्था में ही राम का विराट चरित्र एवं रूप हमें देखने को मिलता है। 'रामचरित मानस’ में अद्भुत कवित्व क्षमता,धार्मिक उदारता, सांस्कृतिक, सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक स्थितियों का विस्तृत वर्णन किया गया है।

   राम का शाब्दिक अर्थ है-भला, मन को रमानेवाला, सुंदर लगनेवाला तथा अद्भुत साहस प्रदान करनेवाला। राम का अनुभव तब होता है जब कोई द्वन्द्व नहीं होता। सब कुछ शान्त, स्थिर और सम होता है। यह एहसास राममय होता है। इसी परमतत्व में अयोध्या में जन्म लेकर राम ने स्वयं को अभिव्यक्त किया एक साधारण बालक के रूप में।

   राम के नाम में इतनी महिमा है इतनी शक्ति है कि  सिर्फ कोई मनुष्य, वह चाहे दुष्कर्मी हो, या सत्कर्मी एक बार राम का नाम लेकर जीवन को धन्य बना लेता है। राम का प्रभाव तुलसी पर इतना पड़ा कि प्रत्यक्षत: तुलसी भारतीय जनता के जीवन में घुलमिलकर लोकनायक बन गये। समन्वय के इस देश में महान लोकनायक वे ही हो सकते हैं जिनमें अद्ïभुत साहस और असीम समन्वय शक्ति हो। तुलसीदास ऐसे ही समन्वयवादी थे, जिनका सारा काव्य समन्वय की विराट चेष्टा है।

   तुलसीदास ने बालरूप का बड़ा ही मार्मिक तथा मन को आनंदित करनेवाला रूप चित्रण कर भारतीय समाज में एक नयी उमंग भर दी। वे कहते है-


''अवधेष के द्वारे सकारे गई सुत गोद कै भूपति कै निकसे,

अवलोक हो सोच-विमोचन को ठगि-सी रहि जे न ठगे धकि से’।


  तात्पर्य यह है कि श्रीराम के बाल सौन्दर्य के विषय में एक सखी दूसरी सखी से कहती है कि आज तड़के अयोध्यापति महाराज दशरथ के द्वार पर गई थी उसी समय महाराज दशरथ पुत्र को गोद में लिए  बाहर आये। मैं तो उस सकल शोकहारी बालक को देखकर ठगी सी रह गई।

   हे सखी! ऐसे बालक को देखकर जो मोहित नहीं हो, उस पर धिक्कार है। सच मै, बालरूप में श्रीराम का धूल भरा शरीर अतीव सुन्दर लग रहा है। सांवले-सुन्दर शरीर में कमल-सी कोमल दो आंखें है जो अतीव मंजुल है। यह सौन्दर्य तो कामदेव के अपूर्व सौन्दर्य को भी मात कर देता है। गोस्वामी तुलसीदास, श्री राम के इस रूप पर रीझ गये है। सौन्दर्य की जो दुनिया श्रीराम  के स्वरूप में गोस्वामीजी को दिखलाई पड़ती है। उसे लिखकर वे प्रसन्न हो गये।


   तुलसी के राम केवल अलौकिक कृत्य नहीं करते बल्कि अपने शील, मर्यादा, शक्ति, नैतिकता, उदारता, प्रजा वत्सलता आदि गुणों से समन्वित व्यक्तित्व को लेकर जन संघर्ष की भूमिका का निर्वाह करते हैं। राम एक जिम्मेदार राजा, पुत्र, पिता, भाई के रूप में हमारे समक्ष उपस्थित होते  है। रामचरित मानस द्वारा गोस्वामी जी ने पति-पत्नी संबंधों में मधुरता, भाई-भाई में प्रेम, पिता का आज्ञापालन, विमाताओं के प्रति आदरभाव आदि की उज्जवल उदारता का उदाहरण  प्रस्तुत करके जनता का मार्ग प्रदर्शन किया है।

   इसी प्रकार 'मानस’ में रामराज्य की कल्पना से पूरा युग प्रभावित हुआ।  राम ऐसे शासक के रूप में चित्रित हुए जिनकी कोई तुलना नहीं है। राम का राज्य बहुत ही प्रशंसनीय था। न चोरी का भय, न शोषण और दोहन की त्रासदी

दण्ड जतिन्हरक भेद जहां नर्तक नृत्य समाज।

जीतहूं मनहिं सुनिअ अस रामचन्द के राज।

   उक्त पंक्तियां 'उत्तरकाण्ड’ की है। इस दोहे के अर्थ की अनुगूंज देर तक हृदय को आन्दोलित करती रहती है। राज्य में प्रजा सुख-चैन से रहती थी, अपनी सुरक्षा का भी प्रबन्ध उसे नहीं करना पड़ता था। कहने का तात्पर्य यह है कि आज भी जरूरत है रामराज्य की। आज समाज में फैले विभिन्न प्रकार के विरोधी तत्व व्यक्ति को किस प्रकार पतनोन्मुख कर रहे है यह किसी से छुपा नहीं है। मानस का अर्थ वास्तव में रावण राज्य को ध्वस्त करके रामराज्य की स्थापना ही है। आज धरती पर ऐसा लगता है कि असुरों का साम्राज्य दूर दूर फैलता नजर आ रहा है। रामराज्य में आदर्श व्यवस्था थी। अवतार का अर्थ होता है आकर दर्शाना।

  चैत रामनवमी के दिन हम राम के जन्म दिवस को मनाते है और भक्ति में रसलीन हो जाते हैं पर हमारा मन अन्र्तद्वन्द्व में ही फंसा रहता है। हम लोग एकता के सूत्र में नहीं बंध पाते है। ऐसा क्यों? राम है असीम और हम घेरे में बंद हैं। राम है सम्पूर्ण  और हम है खण्ड-खण्ड। आज भी जरूरत है राम राज्य की न कि राजनीति में आकर एक दूसरे पर दोषारोपण करने की।

 आज हर जगह पुन: पापाचार पनप रहा है। इसे हमें खत्म करना होगा तथा राम जैसा आदर्श एवं उदारता समाज में पुन: स्थापित करनी होगी। तो आइये इस रामनवमी के पावन पुनीत अवसर पर समाज में फैले विभिन्न प्रकार के पाप फैलाने वाले तत्वों को खत्म करने का दृढ़ संकल्प लें। (विभूति फीचर्स)

आकाश कुसुम और राजनीतिक दलों के घोषणा पत्र - राकेश अचल-विभूति फीचर्स

 


 (राकेश अचल-विभूति फीचर्स)

  अठारहवीं लोकसभा के लिए पहले चरण के मतदान से पांच दिन पहले  भाजपा का  चुनावी घोषणा पत्र भी आ गया। कांग्रेस, सपा,राजद  और बसपा के अलावा दीगर राजनीतिक दलों के चुनावी घोषणा पत्र पहले ही आ चुके है ।  फिलहाल हर दल अपने चुनावी घोषणा पत्र को सर्वश्रेष्ठ बता रहा है,लेकिन जनता के लिए इसमें से सर्वश्रेष्ठ चुनना आसान नहीं है ,क्योंकि हर दल का चुनावी घोषणा पत्र स्वर्ग को जमीन पर उतार लाने की बात करता है। आजतक किसी भी राजनीतिक दल ने जिस चुनावी घोषणा पत्र के आधार पर वोट मांगे उसे पूरा नहीं किया। अब तक तो सारे चुनावी घोषणा पत्र 'आकाश कुसुम'ही साबित हुए हैं।

   दुर्भाग्य से देश में चुनाव घोषणा पत्रों का इतिहास नहीं लिखा  गया । लिखा इसलिए नहीं गया क्योंकि सब इसे झूठ का पुलिंदा मानते आये हैं। वैसे ये एक दिलचस्प विषय हो सकता है। ये जानने की बहुत जरूरत है कि 1952  से लेकर 2024  तक 72  साल में इन चुनावी घोषणा पत्रों पर किस पार्टी ने कितना अमल किया और किसने नहीं ? कम से कम बारह लोकसभा चुनावों के घोषणा पत्र तो मेरी स्मृति में हैं। सवाल ये है कि क्या राजनीतिक पार्टियों के घोषणा-पत्र  चुनाव के पहले, उसके दौरान और उसके बाद कोई सार्थक भूमिका निभाते हैं ? क्या वे लोगों को पेश किए जाने वाले पार्टी के विचारों, नजरिए और कार्यक्रमों का शक्तिशाली प्रतीक होते हैं या केवल सांकेतिक  भर होते हैं ? अधिकांश मतदाता मतदान करने से पहले घोषणा-पत्र पढ़ने की जरूरत ही नहीं समझते। देश में ज्यादातर  घोषणा-पत्रों को कूड़ेदान में फेंक दिया जाता है। मजे की बात ये है कि कचरा होने के बावजूद घोषणा-पत्र पार्टियों की भावी योजना, मुख्य मुद्दों पर कार्यक्रमों और वैचारिक नजरिए को उजागर करने के लिए एक महत्वपूर्ण चोचला बने हुए हैं, हाल के दिनों में भाजपा ने कांग्रेस के घोषणा पत्र को मुस्लिम लीग से प्रभावित घोषणा पत्र बताया तो भाजपा के घोषणा पत्र को लेकर भी कमोवेश ऐसी ही टिप्पणियां की जा रहीं है। कुछ तो भाजपा के घोषणा पत्र से राष्ट्रीय जनता दल के घोषणा पत्र को बेहतर बता रहे हैं।

एक अच्छी बात ये है कि इस रूखे यानि शुष्क  विषय पर सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च  ने अध्ययन का एक तरीका निकाला है, जिसमें कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी  और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-मार्क्सवादी (सीपीआई-एम) के 1952 से लोकसभा चुनावों के घोषणा पत्रों का जायजा लिया गया।अध्ययन में 1980 के पहले बीजेपी के बदले भारतीय जनसंघ और 1971 के पहले सीपीआई-एम के बदले भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी  के घोषणा-पत्रों पर गौर किया गया है। ये तीन पार्टियां भारतीय राजनीति के वैचारिक दायरे का प्रतिनिधित्व करती हैं और अध्ययन में उन मुद्दों के उभरने पर गौर किया गया, जो भारतीय लोकतंत्र के लिए मायने रखते हैं।

इस अध्ययन में स्वतंत्र कोडिंग करने वालों और शोधकर्ताओं की एक बड़ी टीम ‘शब्द गणना’ के जरिए गणना योग्य पैमाने पर पहुंची है, यानी घोषणा-पत्र में किसी मुद्दे पर कितने शब्द लिखे गए हैं। इस मकसद से सात बड़े मुद्दों की पहचान की गई है। घोषणा पत्रों में राष्ट्रीय सुरक्षा, राजनीतिक काबिलियत, राजनीतिक तंत्र, सामाजिक तानाबाना, आर्थिक योजना, कल्याणकारी कार्यक्रम, और विकास तथा इंफ्रास्ट्रक्चर तक को शामिल किया जाता रहा है। अब तो घोषणा पत्र गारंटी पत्र बन चुके है।  सत्तारूढ़ भाजपा के साथ कांग्रेस ने भी मतदाताओं को गारंटियां दी है। लेकिन किसी भी दल की गारंटी किसी क़ानून के दायरे में नहीं आती।भाजपा की गारंटी भाजपा की नहीं मोदी की गारंटी है,ऐसे ही कांग्रेस की गारंटी राहुल की नहीं कांग्रेस की गारंटी है। एक गारंटी पर व्यक्ति का नाम है तो एक पर पार्टी का।

आपको बता  दूँ कि 1952 से घोषणा-पत्रों का अध्ययन देश के पहले चुनाव से राजनीति, अर्थव्यवस्था और समाज के ढांचे में आए गहरे बदलावों की भी मोटी तस्वीर पेश करता है। चुनाव घोषणा-पत्र भले भुलाए जा सकते हैं, मगर वे अपनी ऐतिहासिक छाप छोड़ जाते हैं। घोषणा पत्रों के विश्लेषण से पता चलता है कि तीनों राजनीतिक संगठनों के सभी घोषणा-पत्रों में आर्थिक योजना, कल्याणकारी कार्यक्रमों और विकास व इंफ्रास्ट्रक्चर को काफी महत्व दिया  गया है।  तीनों के घोषणा-पत्रों में इन तीनों विषयों पर कुल 55 फीसदी शब्द लिखे गए। हालांकि  बाद के दशकों में इसके संदर्भ बदल गए। आजादी के बाद के  पहले चार दशकों में आर्थिक योजना के सोशलिस्ट मॉडल पर जोर रहा जबकि निजी क्षेत्र की पैरोकार इकलौती भाजपा  रही है। वर्ष  1991 में विश्वव्यापी आर्थिक उदारीकरण से सभी घोषणा-पत्रों में इस वर्ग में मुद्दों की प्रकृति बदल गई।

  मजे की बात ये है कि सभी पार्टियों ने ग्रामीण भारत के प्रति प्रतिबद्धता के नारे तो उछाले, लेकिन विकास और इंफ्रास्ट्रक्चर के वर्ग में ग्रामीण विकास पर फोकस 1952 में 42 फीसदी से 2019 में गिरकर 5.6 फीसदी पर आ गया।  

  आज के चुनाव घोषणा पत्रों के विषय और शब्दावली दोनों बदल गए है।  पहले चुनाव घोषणा पत्रों में आतंकवाद,मंदिर,एक निशान-एक विधान ,सीआईए, एनआरसी ,जातीय जनगणना जैसे विषय नहीं होते थे।  सुरक्षा,विदेश नीति जरूर होती थी। अब पहली  बार 'डिग्निटी' और 'क्वालिटी'जैसे शब्द  भी चुनाव घोषणा पत्रों का हिस्सा बने हैं। इन चुनावी घोषणापत्रों का अन्य उत्पादों   के साथ मिलने वाली गारंटी जैसा कोई वैधानिक स्वरूप नहीं है। यदि इन घोषणा पत्रों को कानूनी रूप दिया जाये और इनका पालन न करने पर जनता की ओर से जनप्रतिनिधियों को वापस बुलाने जैसी कोई व्यवस्था हो तब तो कोई बात है ,अन्यथा ये चुनावी घोषणा पत्र उसी तरह आकाश कुसुम ' बनकर रह जायेंगे जैसे अभी तक बने ही हुए हैं।(विभूति फीचर्स)